Facts About hindi kahani Revealed
Facts About hindi kahani Revealed
Blog Article
hindi kahani for kids
यह होती है कि इन्हें एक ही साथ कई घंटों और दिनों तक सुना जा सकता है। जिन्हें
'कफन', पूस की रात, शतरंज के खिलाड़ी, दूध का दाम, ठाकुर का कुआँ, नशा, बड़े भाई साहब, सवा सेर गेहूँ, अलाग्योझा, नमक का दरोगा, पंचपरमेश्वर, ईदगाह, बूढ़ी काकी, ईदगाह आदि। इनमें
रमाकांत जी गाँव के बहुत बडे जमीदार हुआ करते थे।उनकी जमीदारी के किस्से सारे गाँव में बहुत ही मशहूर थी।ठीक उसी तरह जैसे दूर से सुन भर लेने से कोयल की आवाज पहचान ली जाती हैं ठीक वैसे ही जमीन पर दूर दूर ...
का प्रभाव परिलक्षित होता है। प्रसाद जी ने आधिकांश ऐतिहासिक कहानियाँ लिखी हैं, जिनकी भाषा
Your browser isn’t supported any longer. Update it to obtain the greatest YouTube expertise and our latest attributes. Learn more
हुई हैं वहाँ इन कहानियों ने समाज के चिन्तकों को जीवन के अनके पहलुओं पर चिन्तन
कहानी में नये प्रकार के बिम्ब विधान, नयी भाषा शैली, नये उपमान और नये मुहावरे आदि में विशेषता परिलक्षित होती
का सम्बन्ध प्रेमचन्द के यथार्थवादी परम्परा से था, ओर दूसरी शाखा का सम्बन्ध 'जयशंकर प्रसाद की
संघर्ष के भी दर्शन होते हैं। इनकी प्रसिद्ध कहानियाँ हैं। महाराजा का इलाज, परदा, उत्तराधिकारी, आदमी का बच्चा, परलोक, कर्मफल, पतिव्रता, प्रतिष्ठा का बोझ
की 'नीच जात' धरा, मुरदा सराय, अँधेरा हँस्ता है, मार्कण्डेय की 'हंसा जाई अकेला' 'भूदान', शेखर जोशी की 'तर्पण', राजेन्द्र अवस्थी
शिवप्रसाद सिंह, रघुवीर सहाय, रामकुमार भ्रमर, विजय चौहान, धर्मवीर भारती, भीष्म साहनी, लक्ष्मी नारायण
आये। स्वतंत्रता पश्चात् लिखी गई हिन्दी कहानी में आधुनिक जीवन की विविध समस्याओं
चिट्ठी-डाकिए ने दरवाज़े पर दस्तक दी तो नन्हों सहुआइन ने दाल की बटली पर यों कलछी मारी जैसे सारा कसूर बटुली का ही है। हल्दी से रँगे हाथ में कलछी पकड़े वे रसोई से बाहर आई और ग़ुस्से के मारे जली-भुनी, दो का एक डग मारती ड्योढ़ी के पास पहुँची। “कौन है रे!” शिवप्रसाद सिंह
शब्दों में- प्रेमचन्द, कौशिक और सुदर्शन, हिन्दी - कहानी